tag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post4395964492385877669..comments2023-10-22T05:28:25.250-07:00Comments on BIKHARE SITARE: रहीमा 4kshamahttp://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-28661723517732949542010-10-04T22:31:27.015-07:002010-10-04T22:31:27.015-07:00कहानी अपने प्रवाह मे चले जा रही है। शायद आज का मोद...कहानी अपने प्रवाह मे चले जा रही है। शायद आज का मोद कहानी की रोचकता इतनी बढा दे कि इन्तजार करना मुश्किल लगे। आज एक बार फिर से पिछली किश्तें पढी। धन्यवाद<br />कृप्या मेरा ये ब्लाग भी देखें।<br />http://veeranchalgatha.blogspot.com/निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-78235137794026125432010-10-01T06:40:19.404-07:002010-10-01T06:40:19.404-07:00आज बडे दिनों बाद आपके ब्लॉग पर आई अब सारी किश्तें ...आज बडे दिनों बाद आपके ब्लॉग पर आई अब सारी किश्तें पढ रही हूँ । बहुत अच्छा हुआ रहीमा को जाहिद मिल गया । अब कहानी शायद नया मोड ले ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-78228754750261102272010-09-24T23:08:36.957-07:002010-09-24T23:08:36.957-07:00क्षमा जी, जब पूजा की दास्ताँ खत्म हुई तो जब भी ब्ल...क्षमा जी, जब पूजा की दास्ताँ खत्म हुई तो जब भी ब्लॉग पर आती थी एक खालीपन लगता था, आज रहीमा को देखा तो जाने क्यों एक और दास्ताँ पढ़ने की खुशी से ज़्यादा एक अजीब से भाव मन में आता रहा कि जाने कितनी ऐसी दर्दनाक दास्तानें हैं जो एक-के-बाद-एक आपके ब्लॉग पर आने का दम रखती हैं, लेकिन यह दम वे गर्व से नहीं बल्कि सर झुकाकर, रोती पलकों से भरती हैं....pragyahttps://www.blogger.com/profile/04688591710560146525noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-44704602416534586232010-09-24T08:11:31.169-07:002010-09-24T08:11:31.169-07:00Insaano ke sur jindgi ke geet se alag kyon par jaa...Insaano ke sur jindgi ke geet se alag kyon par jaate hein aakhir?मैत्रेय मनोज ' एम 'https://www.blogger.com/profile/09929659953526744482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-1731789450660683422010-09-24T07:39:28.489-07:002010-09-24T07:39:28.489-07:00following up now...!!!following up now...!!!सुरेन्द्र "मुल्हिद"https://www.blogger.com/profile/00509168515861229579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-11069376890349133532010-09-23T20:37:43.310-07:002010-09-23T20:37:43.310-07:00बहुत ही सुन्दरता और रोचकता के साथ आपने कहानी प्रस्...बहुत ही सुन्दरता और रोचकता के साथ आपने कहानी प्रस्तुत किया है! जैसे जैसे पढ़ती गयी ऐसा महसूस हुआ मानो आँखों के सामने घटी हुई घटना है! अगली कड़ी का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-13652755335661416322010-09-23T11:00:39.593-07:002010-09-23T11:00:39.593-07:00बदमिजाज़ और शराबी शौहर अगर बेरोज़गार भी हों तो शक्की...बदमिजाज़ और शराबी शौहर अगर बेरोज़गार भी हों तो शक्की अपने आप हो जाते हैं. ऐसे में, अगर हालात सुधर न पाएँ तो कम स कम बिगड़ने नहीं चाहिए. एक मर्द के दिल से सोचकर लिखता हूँ कि ऐसे में अगर शौहर कलाम पाक की क़सम उठाकर भी किसी पुराने दोस्त (जो इश्क़ करता है अभी भी उसकी बीवी से) को मिलनेको कहे तो मुनासिब नहीं मिलना, चाहे सारे घर की मौजूदगी में ही क्यूँ न हो.चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-7876133235058534432010-09-23T10:46:23.852-07:002010-09-23T10:46:23.852-07:00कहानी की गंभीरता व रोचकता बरक़रार है अगली कड़ी का इ...कहानी की गंभीरता व रोचकता बरक़रार है अगली कड़ी का इंतज़ार हैरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-12065740191677627502010-09-23T04:50:04.161-07:002010-09-23T04:50:04.161-07:00KSHMA MAA PARNAAM JIKSHMA MAA PARNAAM JIसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-2910136559679658952010-09-23T04:49:37.531-07:002010-09-23T04:49:37.531-07:00अगली कड़ी का इंतज़ार है.अगली कड़ी का इंतज़ार है.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-57731137382831157652010-09-22T22:34:22.469-07:002010-09-22T22:34:22.469-07:00आपने इस तरह लिखा कि लगा जैसे सब आँखों के सामने हो ...आपने इस तरह लिखा कि लगा जैसे सब आँखों के सामने हो रहा है.. अगली कड़ी का इंतज़ार कर रही हूँ....मंजुलाhttps://www.blogger.com/profile/10884573161296513745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-7957519644926650932010-09-22T18:48:53.009-07:002010-09-22T18:48:53.009-07:00रोचकता बरकरार है। अगले अंक की प्रतीक्षा। बहुत अच्छ...रोचकता बरकरार है। अगले अंक की प्रतीक्षा। <b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।</b><br /><a href="http://raj-bhasha-hindi.blogspot.com/2010/09/2_23.html" rel="nofollow"> अलाउद्दीन के शासनकाल में सस्ता भारत-2, राजभाषा हिन्दी पर मनोज कुमार की प्रस्तुति, पधारें</a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-49669465227840087232010-09-22T08:18:22.649-07:002010-09-22T08:18:22.649-07:00मेरे ख्याल से ज़ाहिद की मौजूदगी फसाद को हवा दे रही...मेरे ख्याल से ज़ाहिद की मौजूदगी फसाद को हवा दे रही है उसे लतीफ से मिलनें की ज़रुरत ही नहीं थी !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-51244372407898825452010-09-22T07:56:57.772-07:002010-09-22T07:56:57.772-07:00औरतों पर हुक्म चलाना और उनकी दुःख-तकलीफ को ना समझन...औरतों पर हुक्म चलाना और उनकी दुःख-तकलीफ को ना समझना ही कुछ लोगों के लिए मर्दानगी होती है.. पर मेरी राय में ये नपुंसकता है. अपने वर्चस्व को कायम रखने के लिए कुछ पुरुष किसी भी हद तक चले जाते हैं, उन्हें हैवान बनने से भी गुरेज़ नहीं होता.. आपने इस तरह लिखा कि लगा जैसे सब आँखों के सामने हो रहा है.. अगली कड़ी का इंतज़ार है.दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.com