tag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post8340459207167285114..comments2023-10-22T05:28:25.250-07:00Comments on BIKHARE SITARE: ऐसी महिला क्या करे?kshamahttp://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-3255480243753811932012-07-14T01:58:25.462-07:002012-07-14T01:58:25.462-07:00jindagi me bahut dard hai.....jindagi me bahut dard hai.....मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-32737221461127732242012-07-06T19:59:53.806-07:002012-07-06T19:59:53.806-07:00विचारणीय!विचारणीय!दिनेश शर्माhttp://www.phalgutirth.co.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-83692866832524690122012-07-04T15:00:24.808-07:002012-07-04T15:00:24.808-07:00अन्याय करने वाले जितना ही अन्याय सहने वाली दोषी है...अन्याय करने वाले जितना ही अन्याय सहने वाली दोषी है । इस डर से बाहर निकल कर शिकायत दर्ज करवानी होगी तभी कुछ हल निकलेगा ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-11917888607583523842012-06-30T03:44:14.538-07:002012-06-30T03:44:14.538-07:00ऐसी कहानी मन को झंजोड़ जाती है |ऐसी कहानी मन को झंजोड़ जाती है |Darshan Darveshhttps://www.blogger.com/profile/12199453189017666485noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-64065141163907467002012-06-24T09:12:28.861-07:002012-06-24T09:12:28.861-07:00कहना बहुत आसान है की उस महिला को आगे आना चाहिए | प...कहना बहुत आसान है की उस महिला को आगे आना चाहिए | परन्तु ऊपर साफ़ लिखा है की पति बहुत पहुँचदार है और उस महिला का कोई सहारा नहीं, कमाई नहीं | उसे अपने बच्चों के चेहरे तक देखने को मना कर दिया गया - काटती रहेगी कोर्ट के चक्कर - हम सभी जानते हैं कि पैसे और रसूख के अभाव में हमारे कोर्ट / वकील / बरसों चलते मुक़दमे आदि क्या और कैसे अनुभव हैं | बच्चों से दूर जाने का डर उसे उस पति के साथ ही रोके रहेगा जो उसे मारता पीटता रहता है | <br /><br />और हाँ - क्षमा जी - एक बात और कहना चाहूंगी | यह समस्या सिर्फ उन्ही महिलाओं की नहीं है जो फ़ाइनेन्शियलि कमज़ोर हों | अच्छी खासी कमाने वाली स्त्रियों को भी ऐसे पतियों के साथ रहना पड़ता है | <b>मैंने खुद देखे हैं ऐसे किस्से </b>| क्योंकि चाहे कमाती हो या न कमाती हो - अधिकतर महिलाएं इमोशनल तो होती ही हैं | पति को छोड़ देने के लिए आगे बढ़ कर किसी तरह कुँए से निकलें, तो इस आस के साथ कि मायके में मेरी माँ , मेरे भाई आदि का प्यार तो है - उनके प्यार के सहारे जी लेगी | लेकिन दुर्भाग्य से देहरी (या कहूं कुँए की मुंडेर ? ) तक पहुँचते पहुँचते उसके अपने मायके वाले तैयार खड़े होते हैं देहरी पर उसे वापस कुँए में धकेलने के लिए | माँ को अपनी सामाजिक नाक से मोह होता है बेटी की जान से ज्यादा, तो भाई को माता पिता की प्रोपर्टी में अपना हिस्सा खतरे में दिखने लगता है - कि यह बहन यहाँ आ कर बस गयी - तो मेरा हिस्सा आधा हो जाएगा | तो माँ समझा बुझा कर या भाई मार पीट कर अक्सर उसे वापस धकेल देते हैं उसी कुँए में जहां से वह बड़ी हिम्मत कर के एक बार निकलने को आई थी | अगली बार निकलने से पहले वह डूब मरना / खुद को जला लेना आदि जैसे रास्ते अपनाती है | तब ये मायके वाले आ जाती हैं गुहार लगाने - की हाय - इन लोगों ने मेरी बच्ची को पहले सताया - फिर मार दिया | <br /><br />कभी कभी मुझे लगता है की ऐसी मृत्युओं के बाद "पहले तंग करते थे ससुराल में" का राग रोने वाले मायके वालों को ससुराल वालों से भी अधिक कड़ी सजा मिलनी चाहिए |Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-6935558457979228272012-06-20T04:56:32.930-07:002012-06-20T04:56:32.930-07:00A very relevant and timely post. Such women too sh...A very relevant and timely post. Such women too should come out and speak through different mediums. Otherwise society wouldn't know anything about them and can't be able to help them.Basantahttps://www.blogger.com/profile/00736262122360069167noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-41534919748576218122012-06-19T07:17:36.099-07:002012-06-19T07:17:36.099-07:00शायद इसे नियति मानकर हम चुप रह जाते है. पर शायद मन...शायद इसे नियति मानकर हम चुप रह जाते है. पर शायद मनोज जी द्वारा सुझाया रास्ता भी अख्तियार किया जा सकता है क्योंकि दूसरा कौन मदद करेगा खुद को ही मजबूत बनाना पड़ेगा.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-61441288815147590732012-06-19T06:27:02.590-07:002012-06-19T06:27:02.590-07:00इसके लिये उक्त महिला को ही संघर्ष करना पड़ेगा,अगर ...इसके लिये उक्त महिला को ही संघर्ष करना पड़ेगा,अगर <br />वोह अपने पैरों पर खड़ी हो सकती है,तो अपने पैरो पर<br />खड़ी हो कर इस अन्याय का विरोध करे ।Vinashaay sharmahttps://www.blogger.com/profile/14896278759769158828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-1069765870981391012012-06-19T00:00:07.891-07:002012-06-19T00:00:07.891-07:00जी उनकी लड़ाई जरूर लड़ी जा सकती है, उसके पति की भी...जी उनकी लड़ाई जरूर लड़ी जा सकती है, उसके पति की भी हकीकत सामने लाई जा सकती है, लेकिन महिला को भी आगे आना होगा, उम्र भर की प्रताड़ना से अच्छा है कि एक बार सामने आए...महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-65712547507434050542012-06-18T17:32:05.426-07:002012-06-18T17:32:05.426-07:00महिलाओं के लिए मुल्क के हालात उतने अच्छे नहीं हैं ...महिलाओं के लिए मुल्क के हालात उतने अच्छे नहीं हैं जितने कि होना चाहिये ! हालात सुधरने में वक़्त लगेगा ! फिलहाल तो उनके लिए अफ़सोस जिनका कोई मददगार नहीं !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-8390729255027585932012-06-18T10:14:44.729-07:002012-06-18T10:14:44.729-07:00देहरी के भीतर मिलने वाले इस शारीरिक मानसिक दर्द की...देहरी के भीतर मिलने वाले इस शारीरिक मानसिक दर्द की कहानियां मन व्यथित करती हैं..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1781345138400006627.post-1370373755434700642012-06-18T09:56:28.313-07:002012-06-18T09:56:28.313-07:00किसी भी परिस्थिति में स्त्री के आत्मसम्मान तथा अभि...किसी भी परिस्थिति में स्त्री के आत्मसम्मान तथा अभिव्यक्ति का गलाघोंटना तथा उसके व्यक्तित्व विकास में बाधा पहुंचाना भी घरेलू हिंसा की श्रेणी में आता है। <br />घरेलू हिंसा की रोकथाम के लिए सन् 2005 में “द प्रेटेक्शन ऑफ वुमेन फ्रॉम डोमेस्टिक वायलेंस” अधिनियम पारित हुआ था। यह कानून लड़की, मां, बहन, पत्नी, बेटी बहू यहां तक कि लिव इन रिलेशन यानी बगैर शादी के साथ रह रही महिलाओं को भी शारीरिक व मानिसिक प्रताड़ना से सुरक्षा प्रदान करता है। <br />वह महिला चाहे तो इसकी सहायता ले।<br />इस अधिनियम के तहत हर जिले में दंडाधिकारी के समकक्ष प्रोटेक्शन ऑफिसर की व्यवस्था की गई है। इस कानून में सजा का भी प्रावधान है। <br />अंत में मैं रोजऐन बार की पंक्तियों से बात खतम चाहूँगा कि “औरत को अभी तक यह सीखना बाकी है कि ताकत कोई देता नहीं है, वह आपकों ले लेनी होती है।”मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com