पूर्व भाग: पूजाका दोबारा गर्भ पात हो गया. माँ तथा बहन तब उसके घर पहुँचे थे. पूजाका जीवन, उसका दुःख दर्द उनकी आँखों के आगे एक खुली किताब बन गया. अब आगे पढ़ें.
कुछ दिन बाद माँ और छोटी बहन तो चले गए,लेकिन दिलमे एक गहरा सदमा लेकर. माँ भी समझ नही पा रही थी,की, गर गौरव को इस तरह बर्ताव करना था तो उसने पूजासे ब्याह किया क्यों? खैर...दिन इसी तरह गुज़रते रहे.
एक दिन गौरव खबर लाया की, उसका तबादला इलाहाबाद हो गया है. मन ही मन पूजा ख़ुश हुई. उसे लगा, शायद दिल्ली से बाहर निकल गौरव का रवैय्या बदलेगा. दिल्ली में रहते समय, कई बार किशोर का आमना सामना हो जाता. पूजा के मन में उसके लिए कडवाहट के अलावा कुछ न था पर गौरव के दिल में एक वहम, एक जलन बनी रहती. हर ऐसे समारोह के बाद वो पूजा को ताने ज़रूर सुनाता.
पूजा का दूसरा गर्भपात हुए तकरीबन एक साल होने आया था और उसे फिर से गर्भ नही ठहरा था. उसके ससुराल वालों के लिए यह भी चिंता का विषय बन गया. लेकिन पूजा ने तभी खबर सुना दी. अबके एहतियातन पूजा को दो माह चलने फिरने या सीढ़ी उतरने के लिए मनाई की गयी. पूजा की माँ उसके साथ रहने आ गयी. चौथा माह गुज़र गया तो सबने आश्वस्त होनेकी साँस ली.
पाँचवा माह शुरू हुआ ही था,की, पूजा का nervous ब्रेक डाउन हो गया. उसके मन में एक डर समा गया की, कहीँ घरवालों की कहा सुनी में आके गौरव उसे छोड़ न दे. वो रो रो के गौरव से आश्वासन माँगती और उसे नही मिलता. एक और बात से वह डर गयी. किसी ने भविष्य वाणी कर दी की, पूजा को दो औलाद होगी तथा दोनों बेटे होंगे. पूजा और अधिक डर गयी...सभी परिवार वाले मान के चल रहे थे,की, उसे बेटाही होगा. ...जबकी पूजा मनही मन डरने लगी...कहीँ बेटी हुई तो? उस बच्ची का क्या हश्र होगा? उस निष्पाप जीव को क्या उसके ससुरालवाले अपनाएंगे? क्या उसे वो प्यार मिलेगा जिसकी वो हक़दार होगी?
गुज़रते दिनों के साथ पूजा की मनोदशा और अधिक ख़राब होती गयी. जब प्रसव के दिन करीब आए तो उसकी डॉक्टर ने सिजेरियन की सलाह दी. एक और कारण भी था...गर्भ उलटा था..डॉक्टर को डर लगा की, प्रसव के दौरान गर गर्भ को कुछ हो गया तो पूजा या तो पगला जायेगी या मरही जायेगी..तारीख तय कर ली गयी और इलाहाबाद के सिविल हॉस्पिटल में उसे दाखिल कराया गया. दोपहर तक उसका ऑपरेशन हो गया. जब उसकी आँख खुली तो उसे बेटी होने की खबर मिली. उसके मनमे बच्ची के प्रती प्यार के अलावा अपार करुणा भर गयी..अपनी माँ को खबर सुनाते हुए, गौरव ने कहा,"माँ तुझे सुनके खुशी तो नही होगी..बेटी हुई है.."
बेटीका जीवन अब पूजा के लिए चुनौती बन गया. अस्पताल से पूजा घर लौटी तो नवागत की खुशी के तौरपे किसी के मुह्पे हँसी न थी. एक पूजा की माँ तथा, अंतिम दिनों में आयी बहन थी, जो बेहद ख़ुश थे.पूजा जानती थी, की, उसकी बिटिया का उसके नैहर में खूब स्वागत होगा. भरी गर्मी में ३ दिन का सफ़र कर पूजा अपने नैहर पहुँच गयी. वहाँ उसे पहली बार माँ होने की खुशी हुई.
आनेवाले दिनों में उसका भय सही साबित हुआ...उसे बच्ची को छूने के लिए भी घरवालों इजाज़त लेनी पड़ती. पूजा को अपने नैहर आए कुछ ही दिन हुए थे,की, गौरव के तबादले की खबर उसे ख़त द्वारा मिली. तबादला कर्नाटक में हुआ था. गौरव सामान बाँधने से पूर्व अपनी नयी पोस्ट का मुआयना करने आया. उस समय वो वो पूजा के नैहर आया.
सब नाश्ते की मेज़ पे बैठे हुए थे की, कमरेमे से बच्ची की रोने की ज़ोरदार आवाज़ आयी. पूजा उठने लगी तो गौरव ने कहा:" तुम अपना नाश्ता ख़तम करो तब जाना. अभी मेराभी नाश्ता नही हुआ और तुम चली? कल जन्मी बच्ची से ये असर? तुम्हारा मेरे प्रती रवैय्या ही बदल गया!"
पूजा चुपचाप कुर्सी पे बैठ गयी. पूजा की दादी उठ खड़ी होने लगी तो गौरव ने उन्हें भी रोक दिया...बेचारी दादी...उनके घर में उन्हीं को उठने की इजाज़त नही थी! बच्ची और न जाने कितनी देर रोती गयी, और साथ दादी भी...वो चुपचाप आँसूं बहाती रहीं...पूजा को तो उतनी भी इजाज़त नही थी...जब सबकी चाय ख़त्म हुई तब गौरव ने कहा:
" अब जाओ अपनी लाडली के पास! ऐसे बर्ताव कर रही हो जैसे दुनिया में कोई पहली बार माँ बना हो!"
जो भी हो, पूजा तो पहली बार माँ बनी थी !
जब पूजा कमरेमे गयी और बिटिया को उठाने लगी तो देखा उसपे कई सारी लाल चीटियाँ चिपकी हुई थी...नन्हीं जान उसी के कारण बदहवास होके रो रही थी..!
उसके पीछे,पीछे कमरे में आए गौरव से वह बोली:" इसे तो चीटियों ने डस लिया था, इसीलिये रो रही है..."
गौरव: " तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे सांप या बिच्छू ने डंख मार दिया हो...इसकी जान जा रही हो...चीटी के काटने से यह मर थोड़े ही जायेगी?"
पूजा ने उसे जल्दी जल्दी नहला डाला...
बच्ची केवल ३० दिन की थी..आगे पूरी ज़िंदगी पडी थी...पूजाकी आँखों के आगे भविष्य का नज़ारा घूम गया..
क्रमश:
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
22 टिप्पणियां:
ओह! मुझे फिर से पूरा पढना पड़ेगा.... अभी आता हूँ फिर से.........
ओह! मुझे फिर से पूरा पढना पड़ेगा.... अभी आता हूँ फिर से.........
Gaurav jaise na jane kitne character is dunia me hain jo pahle to achchha banne ka dhakosla karte hain par... pahli barish me hi sab rang utar jate hain... kamaal ka likh rahi hain aap... man nafrat se bhar gaya aur gusse se bhi aise shakhs ke liye..
गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें....
जय हिंद... जय बुंदेलखंड...
बढ़िया संस्मरण!
नया वर्ष स्वागत करता है , पहन नया परिधान ।
सारे जग से न्यारा अपना , है गणतंत्र महान ॥
गणतन्त्र-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
A great post again! I wish Pooja and the newly born princess health and happiness.
And happy republic day to you!
So tragic. Afraid to even think of the baby's future
Hamesha ki tarah khoobsoorat prastuti
Blog par aane ke liye aabhaar...
Gantantra diwas ki aapko bhi badhaayee...
Achi kahani . saral bhasha. Khas baat yeh hai ki yeh rochakta se bhari hui hai . Agli kadi ka Intezar rahega.Dhanyawad.
बहुत दर्दनाक है कहानी ..... वहशी हैं ऐसे भी दुनिया में .... आगी का इंतेज़ार है ....... आपको गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई .......
बहुत सुन्दर प्रस्तुति! आपको और आपके परिवार को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
सच है , लड़कियों के प्रति अभी भी हमारे समाज में ऐसा रवैया रखने वाले लोग हैं।
मार्मिक कहानी।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें।
excellent description
अभी केवल गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें देने आई हूं, लौट के पढती हूं, इत्मीनान से.
aapki kalam ki baangi ke to ham kayal hain hi..bas indino fursat nahi mil rahi..
Kanyaon ki stithi abhi bhi kahan sudhri hai..aaj bhi wahi hai 'dhaak ke teen paat..
aapke sansmaran ki prastuti lajwaab hai..
dhnyawaad..
नमस्कार,
आप का ब्लाग देखा । कला से आप का रिश्ता है इसलिए संभव हो तो www.lokrang.in पर जाएं ।
आप का ब्लाग देखा । आप कला की पारखी हैं लिहाजा अनुरोध हे कि देखें ।
सुभाष चन्द्र कुशवाहा
ati sunder! aapke vicharon ki gahrai mein poora prashant mahasagar samaa jayega!!
धन्यवाद! आपके उत्साहपूर्ण बातों के लिये।
हे ईश्वर! गौरव इतना क्रूर निकलेगा...
पूजा की तकलीफें विचलित कर रही हैं अब तो...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ada ji bahut khoob kah gayi ,pooja hamare jindagi se jud gayi ,vande matram ,
Dear KSHAMA Ji,
You've Such A Readable Blog! I Am Greatful to come on it... I Really like it very much... Posting is also Nice...
Regards
Ram K Gautam
एक टिप्पणी भेजें