रविवार, 20 नवंबर 2011

कोई कुछ तो कहे!

आज शाम से मुझे दो सवालों से रु-b-रु होना पड़ा.सवाल गहन हैं.....कुछ दर्दनाक भी.रात साढ़े दस बजे मेरी छोटी  बहन का फोन आया. मोबाईल के स्क्रीन पे उस वक़्त उसका नाम पढ़ते ही दिल धक्-सा हो गया!
उसने कहना शुरू किया," अम्मा का कुछ मिनटों पहले फोन आया था. वो मुझे तुरंत अपने पास बुला रही हैं.उनका कहना है,की,अब उन्हें कुछ भी याद नहीं रहता....कौनसी दवाई ली कौनसी लेनी है....कुछ भी नहीं...मेरे लिए तुरंत जाना मुमकिन नहीं.मै पिछले हफ्ते ही वहाँ से लौटी हूँ. अब आप ही जाके उन्हें अपने पास ले आईये.वो न माने तो ज़बरदस्ती करनी होगी.इसके अलावा और कोई चारा ही नहीं.आपका क्या ख़याल है?"
मैंने कहा," अव्वल तो तेरी बात सुन के ही कलेजा धक्-सा हो गया है.हाँ....मै उन्हें ले आऊँगी. लानाही पडेगा....परसों या तरसों चली जाऊँगी. जाने के पहले काफी कुछ इन्तेज़ामात करने होंगे."

अम्मा को दो साल पूर्व कैंसर डिटेक्ट हुआ था. उसकी सर्जरी कामयाब हुई. उसके बाद उन्हें घुटनों के दर्द ने जकड लिया. चलना फिरना भी धीरे धीरे दुश्वार होने लगा.साथ ही Alzheimer की तकलीफ शुरू हो गयी. वो बहुत-सी और ज़रूरी बातें भूलने लगीं. ये पतन बहुत तेजीसे होने लगा. अब घुटनों के ऑपरेशन का भी सवाल सिरपे है....जिसके लिए वो राजी नहीं!

बहन से बतियाके मै अपनी बेटी के कमरे में गयी. वो इंग्लॅण्ड से कुछ दिनों के लिए आयी हुई है. बहन से हुई बात चीत की चर्चा मैंने उसके साथ छेड़ दी. उसने कहा," माँ! आपने अभी ही एक बात का फैसला उनके साथ कर लेना चाहिए. वो इस तरह कबतक जीना चाहेंगी? कलको तो वे स्वयं को भी भूल जायेंगी....क्या ऐसे में मौत को अपनाना बेहतर नहीं?"
फिर एक बार मेरा कलेजा धक्-से रह गया! क्या अपनी माँ से मै ये बात कर सकती हूँ? कर भी लूँ तो इसकी सुविधा भारत में तो नहीं!
बातों के आगे चलते जीवन मृत्युकी बात छिड़ी. बेटी ने कहा," मै इसीलिये बच्चे पैदा करना नहीं चाहती. अंत में जीवन क्या है? एक वेदना का सफ़र.बच्चे पैदा होते हैं....जवान होते हैं.....बूढ़े होते हैं,और बुढ़ापे की सैंकड़ो तकलीफों से घिर जाते हैं! मै किसलिए कोई जीव इस दुनिया में लाऊं जबकि मुझे उसका अंत पता है?"

मै खामोश हो गयी. मेरे पास कोई फल्सुफाना जवाब नहीं था, जिससे उसकी शंका का निरसन होता!
बहुत परेशान हूँ....अपने सभी ब्लॉगर मित्रों से आवाहन करती हूँ,बिनती करती  हूँ,की,मुझे कोई उत्तर, कोई उपाय सुझाएँ!