(पूर्व भाग:उस दिनों पूजा की माँ दौड़ी चली आयीं थीं..हर तरह से उन्हों ने पूजा की सहायता की...वो दस दिन पूजा एक पलक नही सोयी..बच्ची को मौत के मूह से मानो छीन लाई...बच्ची जी कैसे गयी,यह तो अस्पताल वालों के लिएभी एक अजूबा था...
क्या पता था पूजा को की, ऐसे तो और कई हालात आने वाले थे...जो उसे आज़माने वाले थे...अब आगे पढ़ें...)
कब सोचा था पूजाने की, गौरव के साथ उसका जीवन इतना बदरंग हो जायेगा? बिटियाको अस्पताल में भरती करनेसे कुछ ही रोज़ पूर्व होली आयी और गयी.. बिटियाकी पहली होली थी,लेकिन घरमे जैसे मातम छाया रहता..पूजा अपनी ओरसे माहौल में हँसी घोलती रहती...यह सोच की, कहीँ केतकी पे विपरीत असर ना हो जाय..उसका जीवन बिटिया तथा घर संसार में सिमट के रह गया था...
पूजा अपने आपमें अनूठी कलाकार थी..जब कभी मौक़ा हात लगता वो बिटिया को लेके उसके सामने कलाकृतियाँ बनाती रहती...कभी कागज़ पे , कभी कपडे पे तो कभी कपडे के टुकड़े और धागे लेके...बच्ची १३ माह की हुई और पूजा के पैर फिर से भारी हो गए...
ऐसा नही था,की, पूजा को आने वाली ज़िंदगी में किसीने पूछा ना हो..खासकर सखी सहेलियों ने की, उसने ऐसा घुट के जीना क्यों मंज़ूर किया? जवाब साफ़ था...गौरव का रसूक इतना था,की, पूजा गर अलग होने की बात भी करती तो, उससे बच्ची छीन ली जाती..चाहे बाद में वो नन्हीं जान मर मर के जीती...पूजा अपनी औलाद से जुदा होही नही सकती थी...वो कई बार टूटी...बिखरी..लेकिन हर बार संभल गयी...एक माँ की ज़िम्मेदारी वो किसी भी हालत में नकार नही सकती थी...
और अब एक और जीव दुनियामे आनेवाला था...अबके तो सासू माँ ने बेटे की रट लगा दी...यह एक और भय पूजा तथा उसके नैहर वालों की क़िस्मत लिखा था...बेटा हुआ तो, लेकिन पूजा तक़रीबन ३६ घंटे प्रसूती वेदना से गुज़री...उसका कारण मानसिक दबाव था...नैहर में बिटिया को सबसे अधिक प्यार मिलता लेकिन ससुराल में बेटे के आने के बाद तो बिटिया की औरभी दुर्दशा होने लगी...दिन गुज़रते गए...
वो दिनभी आया जब बिटिया को स्कूल जाना था....उन्हीं दिनों बिटिया ने अनजाने ही अपनी माँ को एक यादगार तोहफा दिया...जिसकी क़द्र बरसों बाद पूजा को हुई...उस का एहसास हुआ,की, वो तोहफा कितना नायाब था...
क्रमश:
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24 टिप्पणियां:
voh tohfa kya tha, will be waiting eagerly for the nest post
मंगल-मिलन "होली" की हार्दिक शुभकामनाएं
man hee naheen karta k ye kahani kahin par khatm ho
होली की बधाइयाँ...आपके जीवन में भरपूर रंगों का हो समावेश...
इन्तजार है अगली कड़ी का...
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
bahut bhavpoorn kyo itana dab kar rah rahee haiPooja?..........
Akhir kya tha wo tohfa??
इस बार रंग लगाना तो.. ऐसा रंग लगाना.. के ताउम्र ना छूटे..
ना हिन्दू पहिचाना जाये ना मुसलमाँ.. ऐसा रंग लगाना..
लहू का रंग तो अन्दर ही रह जाता है.. जब तक पहचाना जाये सड़कों पे बह जाता है..
कोई बाहर का पक्का रंग लगाना..
के बस इंसां पहचाना जाये.. ना हिन्दू पहचाना जाये..
ना मुसलमाँ पहचाना जाये.. बस इंसां पहचाना जाये..
इस बार.. ऐसा रंग लगाना...
(और आज पहली बार ब्लॉग पर बुला रहा हूँ.. शायद आपकी भी टांग खींची हो मैंने होली में..)
होली की उतनी शुभ कामनाएं जितनी मैंने और आपने मिलके भी ना बांटी हों...
वो तोहफा क्या था--यह जानने की उत्सुकता है...
****आपको सपरिवार रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाये****
डालना ही है तो डालो
कुछ छींटे ही सही
पर प्यार के प्यार से
इस बार होली में।
bahut hee badhiya...
happy holi...
aage ki kahani ke liye utsuk hun!...Dhanyawaad kshamaaji!Holi mangalmayee ho!
होली की शुभकामनाएं
dhanyavad friend 4 staying connected..best wishes to u always:)
धन्यावाद होली की ढेर सारी शुभ कामनाएँ
प्रणव सक्सेना
amitraghat.blogspot.com
"होली की ढेर सारी शुभकामनाएँ......."
प्रणव सक्सैना
amitraghat.blogspot.com
aapki kahani padhte huye aankhe nam w gala bhar jaata hai ,jitna dard hai pooja ki jindagi me , utni sahanshakti bhi hai uske paas ,maarmik ,holi mubaarak ho aapko
आप और 'बिखरे सितारे'की समस्त पाठकवर्गको होलीकी मंगल कामनाएं!
अगली कडीकी इन्तजार है।
बहुत अच्छी लगी रचना अगली कडी का इन्तज़ार। आपको सपरिवार होली की ढेरो बधाईयाँ और शुभकामनाएँ
ज़िंदगी जीने का कोई ना कोई बहाना...
कोई ना कोई राह निकाल लेती ही है...
बेहतर...
इन्तजार है अगली कड़ी का
आपको व आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें
bahut sundar, saath hee rochak bhee!! Badhayee!!!!!
होली की बधाइयाँ...बहुत अच्छी लगी रचना अगली कडी का इन्तज़ार।
...तो नन्हीं केतकी का भाई भी आ गया। मानना पड़ेगा पूजा की जीजिविषा को भी।
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