कभी अपना बचपन याद आता है तो कभी बच्चों का! याद आ रहा एक वाकया जब हम औरंगाबाद में थे. मेरा बेटा दो साल का था और अंगूठा चूसा करता था. मुझे सब परिवारवाले कहा करते,की,किसी तरह इसकी आदत छुडाओ. मै सब कथकंडे अपना चुकी थी लेकिन बेअसर!
एक दिन बिस्तर पे बैठे बैठे मैंने सोचा बेटे से कुछ कहूँ....कहा'" बेटे,देखो तुम्हारी माँ अंगूठा नही चूसती.....तुम्हारी नानी,नाना दादा, दादी कोई नहीं चूसता.."मैंने लम्बी चौड़ी फेहरिस्त उसके आगे रख दी. उसने मेरे गोदी में अपना सर रखते हुए,मूँह से अंगूठा निकाला...मै खुश! कुछ असर हुआ शायद! तभी वो तुतलाते हुए बोल पड़ा," उन छबको बोलो चूसने को," और अंगूठा वापस मूह में! मै खामोश!
एक दिन बिस्तर पे बैठे बैठे मैंने सोचा बेटे से कुछ कहूँ....कहा'" बेटे,देखो तुम्हारी माँ अंगूठा नही चूसती.....तुम्हारी नानी,नाना दादा, दादी कोई नहीं चूसता.."मैंने लम्बी चौड़ी फेहरिस्त उसके आगे रख दी. उसने मेरे गोदी में अपना सर रखते हुए,मूँह से अंगूठा निकाला...मै खुश! कुछ असर हुआ शायद! तभी वो तुतलाते हुए बोल पड़ा," उन छबको बोलो चूसने को," और अंगूठा वापस मूह में! मै खामोश!
34 टिप्पणियां:
hahahaha....very nice di....meri beti bhi chusti thi...sach may bahut tough job hai.....isay chudana
हा हा हा ………ये हुई ना बात ………बच्चे हाजिर जवाब होते हैं।
bilkul sahi kiya aapke bete ne,bhala koi zaroori hai ki jo sabne nahi kiya vah bhi nahi karega.ha.ha.ha.
वाह! क्या बात है !
उन छबको बोलो चूसने को :))))
:)
सो स्वीट!! मैं खुद दसवीं तक अंगूठा चूसता था!!
आवश्यक जानकारी दी छोटू ने !
यह हमें भी नहीं मालूम था !
रंगोत्सव की शुभकामनायें स्वीकार करें !
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ha ha ha ha ha !!
:)हमारी भी तो कोई सुने.....होली की शुभकामनायें ....
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♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥
आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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होली पर बहुत बहुत शुभकामनाएं
सुन्दर प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...होली की शुभकामनाएं....
इनको जीत पाना कहाँ आसान है..... :)))
वाह... क्या बात है।
ऐसा जवाब सच में बच्चे ही दे सकते हैं।
बच्चे किसी से कम नहीं ....!!
हम उन्हें कम क्यूँ समझते हैं ....?
बहुत सुंदर जवाब ....
बच्चे किसी से कम नहीं ....!!
हम उन्हें कम क्यूँ समझते हैं ....?
बहुत सुंदर जवाब ....
વાહ
ha ha ha ,bachcho ki vaani me mithas hoti hai ,unki buddhi bhi kamaal ki hoti hai ,
हमारे घर में भी एक बच्ची है ६ साल की हो गई मगर हम सब मिलकर आज तक उसका अंगूठा चुसना नही छुडा पाए.
जब छोटी थी तो हम उसके दोनों अंगूठो पे टेप चिपका देते थे तो वो बहुत रोती थी और आखिर में हमें वो टेप हटाना पड़ता था .
आज भी बदस्तूर जारी है , जब टोकते हैं तो बंद कर देती गई मगर भी ....
bahut badhiya uttar diya.. :)
बच्चों से कभी कोई नहीं जीत सका... :)
:-)
नयी पीढ़ी का अनुसरण करें....
सादर.
जिन्हें हम 'बच्चा' समझते है...वे बच्चे दिमागी तौर पर पहुंचे हुए होते है!
...हा, हा, हा!..वाकई मजा आ गया!
ye hai bachcho ki duniya.........
ye hai bachchon ki duniya.....
haha, waise sahi to bola usne, unko bolo jo karna hai karo,, humko na toko..
छोटा बच्चा जान के, ना मुझको समझाना रे ...यह गाना याद आया ... सच बच्चे कितने भोले होते हैं ...
:) :) umda post
दिल के दौरे से गुजरने के तुरंत बाद बच्चे की मासूमियत की और आपका ध्यान जाना बताता है कि आपको तनाव से मुक्त रहने की कला आती है. यही स्वस्थ रहने का सही तरीका भी है.
प्यारा संस्मरण।
Lovely! A lovely boy!
to kab se shuru kar rahi ho aap ?
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