एक बड़ा अजीबो गरीब किस्सा लेके आपके सामने आ रही हूँ. अंजली का. स्वयं खुद बड़े डिप्रेशन से गुज़र रही हूँ और अंजली भी. इसीलिये शायद उसे समझ पा रही हूँ.
करामात की है नेट ने......अंजली की उम्र है ४५ साल की दो बेटे हैं. दोनों पढ़ते हैं. पति अपने काम में हमेशा व्यस्त रहते हैं. अंजली सुन्दर है. नौकरी करती थी लेकिन पति ने छुडवा दी. वो घर में अकेली हो गयी और उसे इन्टरनेट पे गपशप करने की लत लग गयी. उसने अपनी तस्वीर भी १० साल पहले की लगा दी थी. . एक ३० साल के लड़के के साथ मजाक ही मजाक में नजदीकियां बढ़ गयीं. उन दोनोने एक बार मिलने का फैसला किया. बात चुम्बन लेने तक बढ़ गयी. लड़का तो केवल दो पल की मौज लूटना चाहता था लेकिन अंजली को उससे प्यार हो गया. अंजली रोज़ उसे फोन करती है. वो कभी कबार ही फोन उठता है. अंजली को उससे मिले डेढ़ साल के ऊपर हो गया. वो मिन्नतें करती रहती है और वो किसी न किसी बहाने मना कर देता है. हो सकता है उसकी और भी लड़कियां दोस्त हों.अब अंजली बेहद उदास रहने लगी है. इस उदासी से उसे कैसे निकला जाये समझ में नहीं आता. लड़का तो कालको शादी कर लेगा तब तो उससे मिलना भी गलत होगा. किसी सलाहकार के पास भी जाना नहीं चाहती और नाही पति को बताये बिना जा सकती है..समझमे नहीं आता उसकी कैसे मदद करूँ! हाय रे ये नेट!
अंत में सभी दोस्तों से माफी चाहती हूँ की ख़राब तबियत के कारन न ब्लॉग पढ़ पा रही हूँ न टिप्पणी दे पा रही हूँ!
21 टिप्पणियां:
अंजली अपने ही बुने हुए जाल में खुद फंस गई है!..खुद बा खुद बाहर निकल जाएगी!..समय के साथ!...सार्थक पोस्ट!...आप का वापस लौट आना बहुत अच्छा लग रहा है!
45 साल की उम्र है तो समझ भी व्यस्क होनी चाहिये थी ना उसकी ………अब खुद ही इसमे फ़ंसी है और उसे भी समझना चाहिये कि ये उम्र इन सब बातों के लिये नही है वो भी जवाब बच्चों की माँ है ………समय के साथ सब ठीक हो जायेगा उसे कहो कहीं और ध्यान लगाये।
anjali ji ko apni soch me paripakvta to lani hi hogi.aur is sare vakeye ko ek kori kalpna soch kar bhool jana chahiye.vicharniy prastuti.aabhar कानूनी रूप से अपराध के विरुद्ध उचित कार्यवाही sath hi avlokan karenनारियां भी कम भ्रष्ट नहीं.
आप अपनी सेहत का ख्याल रखें.. अंजलि ने खुद ही इंटरनेट के ज़रिये नेट बुना है और फंस गयी है!!
स्वास्थ्य का ध्यान रखें .... समय रहते न संभलें तो फिर समस्या ही समस्या ....
ये अन्तरजाल है, अन्दर तक समेट लेता है :(
बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय,
काम बिगारे आपनो जग में होत हँसाय,
जग में होत हँसाय,चित्त को चैन न आवे,
आन,मान,सम्मान भी निज जीवन कौ जावे!
बँद मुट्ठी को खोलना मुट्ठी बाँधने वाले के हाथ में है!
सोये को जगया जा सकता है जगे को कौन जगाये?
अपना ख़्याल रखें
मुस्कुराने के बहाने ढूंढें
अपने लिए जीन शुरू करें
डिप्रैशन छू हो जाएगा ☺☺☺
aap uske saath baithe batiyain aur dheere dheere use uski ruchi ki anya gatividhiyon me vyast kara de...lekin is bindoo par us se jyada charcha na kare...galtiyan sabhi se kabhi na kabhi kisi na kisi roop me hoti hain...magar samajhdaari isi me hain ki na use duhraya jaay na hi us par charcha ki jaay....
जिस जाल में अंजली फंसी है उससे निकलने की कोशिश भी उसे ही करनी होगी. आप तो केवल उसे रास्ता दिखा सकती हैं..
eगलती अंजली की ज्यादा है,वह उम्र में भी लडके से बड़ी है ,जिन्दगी में उससे होने वाले परिणामों को उससे ज्यादा जानती थी,इसके बाद आज भी वह सबसे बड़ी गलती यह कर रही है की इस बेमानी रिश्तो को बनाए रखना चाहती है,ऐसे हालत में उसे यही सलाह दी जा सकती है की''बीती ताहि भुलाय के ,आगे की सुध लेउ''......साथ ही आप के शीघ्र स्वास्थ्य लाम की कामना करता हूँ .
सार्थक पोस्ट
MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...
अंतरजाल का जाल भी अजीब है.
क्षमा जी आप जल्दी से पूरी तरह से ठीक हो जाइये. कमेन्ट देना लेना तो चलता रहेगा.
समय अच्छे अच्छे घाव भर देता है।
ये नेट के नेट में लोग उलझ क्यों पड़ते हैं।
अपना ख़्याल रखें .........
ना उम्र की सीमा हो....
जाल तो वक्त बुनता है कमजोर मन फंस ही जाते हैं।वक्त ही भेजेगा कोई चूहा...
vaqt sab jakhmo ka marham hai...anjali ko bhi vo marham mil hi jayega....sab kuchh janti hai ki ladka mauz lene ki hi bas chaahat rakhta hai to anjali ko khud hi kinara kar lena chaahiye aise swarthi insan se....pati ko pata chalega to kaise bardasht karega ?
apni sehat ka dhyan rakhiyega.
समय मिल नहीं रहा था,जब समय मिला सोचा कि आपक बलोग बिखरे सितारे देखा जाये,और आप के द्वारा लिखा हुआ बलोग देखा,मेरे विचार से भावना जी की बात मुझे अंजलि के लिये उपयुक्त लगा,अपनी सेहात का ध्यान रखियेगा ।
Abhi -abhi Sanjay ji ki kavita pad raha tha ki achanak aapke blog par aa gaya or anjli wali post padi pr ak baat kahna chahugan ki patni ke dawara pati ki ya pati ke dawara patni ki undekhi bahut si musibato ko janm deti hai .kaam bhi jaruri hota hai or jeevan sathi ka dayan rakhna bhi . Samya ke sath-sath sab thik ho jayega.Apni sehat ka dhayan rakhe..
मै खुद भी इधर ब्लॉग पढ नही पा रही थी । पर अब से पढूंगी अंजली की मदद आप कर सकती हैं उसे इस भ्रमजाल से बाहर निकलना ही होगा ।
एक टिप्पणी भेजें