( गतांक : बड़े इंतज़ार के बाद उसने लिखा," वो लड़का और कोई नहीं,सौगात है......मै केवल एक बार उससे मिलना चाहती हूँ....एक बार अपना दिल खोलके उसके आगे रखना चाहती हूँ.....और कुछ नहीं....लेकिन मुझे नही लगता वो मेरी ये इच्छा भी पूरी करेगा....!"
सौगात! हे भगवान्! ये क्या कह दिया आयुषी ने?? जानते हुए की ,वो अर्चना के प्यार में पूरी तरह डूबा हुआ है! अब आगे ..)
आयुषी का जवाब पढके मै उदास-सी हो गयी...क्या करूँ? क्या न करूँ? मेरे पास तो सौग़ात की मेल Id भी नही थी....किससे हासिल करूँ? अर्चना के पास हो सकती है,लेकिन उसे क्या कहूँ?इत्तेफाक़न हमारी जो एक कॉमन सहेली थी,उससे मेरी बात हुई. उसके पास सौग़ात की ID थी! मै थोड़ी ख़ुश हो गयी...
उसने मुझे ये भी कहा," सौग़ात अर्चना के प्यार में आकंठ डूबा हुआ है...वो किसी औरसे मेल मुलाक़ात करना चाहेगा,ऐसा मुझे नही लगता!"
बात सच थी! पर कुछ तो करना होगा...आयुषी को मद्दे नज़र रखते हुए! क्या कहूँ सौग़ात से? कैसे कहूँ? क्या वो मुझे जवाब देगा? या अर्चना को बता देगा? ऐसे में अर्चना क्या महसूस करेगी? उसे आयुषी के बारे में क्या लगेगा? वो दोनों तो आपस में सहेलियों की तरह हैं! सौग़ात को जब कभी मैंने उसके स्क्रैप पे मेसेज भेजा था,उसने अक्सर जवाब देनाटाल दिया था...और जब दिया था,तो बड़ा मायूसी भरा...
मैंने आयुषी से पूछा," सौग़ात से मिलने तुम्हें देहली जाना होगा! गर वो राज़ी हो गया तो तुम जा पाओगी?"
आयुषी ने कहा," हाँ मै चली जाउँगी..."
मैंने बड़ी ही एहतियात बरतते हुए सौग़ात को लिखा," सौग़ात...आयुषी को तुम से बहुत लगाव हो गया है...वो केवल एक बार तुम से मिलना चाहती है...क्या उसकी ये आरज़ू तुम पूरी करोगे? वो देहली आ जायेगी. तुम जहाँ कहोगे वहीँ तुम से मिलेगी....बस, एक बार उससे मिल लो...उसकी तसल्ली के लिए...उसे अपनी दिलकी बात तुम से कह लेने दो....मै तुम से इल्तिजा करती हूँ! मुझे नही पता की,ये सही है या गलत....लेकिन आयुषी के नज़रिए से देखती हूँ,तो गलत भी नही लगता...एक बार मेरी इतनी बात मान जाओ....दिल पर से बहुत बड़ा बोझ उतर जाएगा!"
मै सौग़ात के जवाब का इंतज़ार करने लगी. मुझे उसका जवाब नही मिला. इस दरमियान मैंने गौर किया की,उसने अपने स्क्रैप पर से अर्चना के मेसेजेस के अलावा हर किसी के मेजेज डिलीट कर दिए थे! मैंने आयुषी को भी मेल लिखी लेकिन उसका भी कोई जवाब नही मिला. दो तीन महीने ऐसे ही बीत गए. अर्चना ने भी इस दौरान मुझसे संपर्क नही किया था.
मै जब कभी rediffconnexions खोलती,मुझे बेहद इंतज़ार रहता....! और एक दिन अचानक rediffconnoxions ने मेरा पास वार्ड एक्सेप्ट करना बंद कर दिया...! मैंने दूसरे पास वार्ड के लिए इल्तिजा भेजी लेकिन कोई असर नही हुआ और मेरी वो ID बंद हो गयी! आयुषी और अर्चना से मेरा हमेशा के लिए संपर्क टूट गया! सौगात के रवय्ये से आयुषी ज़रूर बहुत मायूस हुई होगी....पर ये दिलकी बातें थीं.....इनपे किसका बस था??सौग़ात पे तो किसी का बस नही था,और नाही आयुषी के दिलपे!
समाप्त
सौगात! हे भगवान्! ये क्या कह दिया आयुषी ने?? जानते हुए की ,वो अर्चना के प्यार में पूरी तरह डूबा हुआ है! अब आगे ..)
आयुषी का जवाब पढके मै उदास-सी हो गयी...क्या करूँ? क्या न करूँ? मेरे पास तो सौग़ात की मेल Id भी नही थी....किससे हासिल करूँ? अर्चना के पास हो सकती है,लेकिन उसे क्या कहूँ?इत्तेफाक़न हमारी जो एक कॉमन सहेली थी,उससे मेरी बात हुई. उसके पास सौग़ात की ID थी! मै थोड़ी ख़ुश हो गयी...
उसने मुझे ये भी कहा," सौग़ात अर्चना के प्यार में आकंठ डूबा हुआ है...वो किसी औरसे मेल मुलाक़ात करना चाहेगा,ऐसा मुझे नही लगता!"
बात सच थी! पर कुछ तो करना होगा...आयुषी को मद्दे नज़र रखते हुए! क्या कहूँ सौग़ात से? कैसे कहूँ? क्या वो मुझे जवाब देगा? या अर्चना को बता देगा? ऐसे में अर्चना क्या महसूस करेगी? उसे आयुषी के बारे में क्या लगेगा? वो दोनों तो आपस में सहेलियों की तरह हैं! सौग़ात को जब कभी मैंने उसके स्क्रैप पे मेसेज भेजा था,उसने अक्सर जवाब देनाटाल दिया था...और जब दिया था,तो बड़ा मायूसी भरा...
मैंने आयुषी से पूछा," सौग़ात से मिलने तुम्हें देहली जाना होगा! गर वो राज़ी हो गया तो तुम जा पाओगी?"
आयुषी ने कहा," हाँ मै चली जाउँगी..."
मैंने बड़ी ही एहतियात बरतते हुए सौग़ात को लिखा," सौग़ात...आयुषी को तुम से बहुत लगाव हो गया है...वो केवल एक बार तुम से मिलना चाहती है...क्या उसकी ये आरज़ू तुम पूरी करोगे? वो देहली आ जायेगी. तुम जहाँ कहोगे वहीँ तुम से मिलेगी....बस, एक बार उससे मिल लो...उसकी तसल्ली के लिए...उसे अपनी दिलकी बात तुम से कह लेने दो....मै तुम से इल्तिजा करती हूँ! मुझे नही पता की,ये सही है या गलत....लेकिन आयुषी के नज़रिए से देखती हूँ,तो गलत भी नही लगता...एक बार मेरी इतनी बात मान जाओ....दिल पर से बहुत बड़ा बोझ उतर जाएगा!"
मै सौग़ात के जवाब का इंतज़ार करने लगी. मुझे उसका जवाब नही मिला. इस दरमियान मैंने गौर किया की,उसने अपने स्क्रैप पर से अर्चना के मेसेजेस के अलावा हर किसी के मेजेज डिलीट कर दिए थे! मैंने आयुषी को भी मेल लिखी लेकिन उसका भी कोई जवाब नही मिला. दो तीन महीने ऐसे ही बीत गए. अर्चना ने भी इस दौरान मुझसे संपर्क नही किया था.
मै जब कभी rediffconnexions खोलती,मुझे बेहद इंतज़ार रहता....! और एक दिन अचानक rediffconnoxions ने मेरा पास वार्ड एक्सेप्ट करना बंद कर दिया...! मैंने दूसरे पास वार्ड के लिए इल्तिजा भेजी लेकिन कोई असर नही हुआ और मेरी वो ID बंद हो गयी! आयुषी और अर्चना से मेरा हमेशा के लिए संपर्क टूट गया! सौगात के रवय्ये से आयुषी ज़रूर बहुत मायूस हुई होगी....पर ये दिलकी बातें थीं.....इनपे किसका बस था??सौग़ात पे तो किसी का बस नही था,और नाही आयुषी के दिलपे!
समाप्त