गुरुवार, 23 फ़रवरी 2012

दिलका दौरा 3

खैर! उस रात बहन मेरे साथ रुक गयी. दूसरे दिन सुबह्से फिर एकबार टेस्ट शुरू हो गए. जैसे,जैसे टेस्ट होते जा रहे थे,मुझे doctors के  चेहरे गंभीर होते नज़र आ रहे थे. फिर बहन तथा बेटेसे बताया गया की अब तुरंत ICU  में शिफ्ट करना है. OT  तैयार रखा  जाये.अब मेरे पति जो शहर में नहीं थे,उन्हें तुरंत बुला लिया गया!

क्रमश:( इसके लिए माफी चाहती हूँ!)

Angiography  की तैय्यारी कर ली गयी. पति के पहुँचने का किसी ने इंतेज़ार नहीं किया. खैर! मैंने अपनी मानसिक तैय्यारी कर ली . जो होना है होगा! मुझे OT  में ले गए! Angiography होती रही. स्क्रीन पे देख देख के doctors आपस में बतियाते रहे.यहाँ clot  है,वहाँ clot  है....मुझे सुनायी दे रहा था. Procedure पूरा हो गया. फिलहाल doctors  को किसी बड़े ऑपरेशन की ज़रुरत नहीं महसूस हुई. हाँ! ये ज़रूर बताया गया की,ये पहला दौरा नहीं था!
मै वापस ICU  में आ गयी. ICU  में रहते दो बार ऐसा हुआ की मुझे किसी कारण monitors  परसे हटाया गया और वापस connect  करनेका किसी को होश नहीं!

अब वेंस न मिलना आदि आदि का सिलसिला शुरू हो गया! दूसरे दिन मै नॉरमल रूम में पहुँच गयी. लेकिन लगातार मोनिटरिंग जारी थी. मेरी डॉक्टर तो वाकई एक फ़रिश्ता थी. लेकिन जितनी नर्म कोमल उतनीही सख्त भी. मैंने बरसों ली हुई  migraine  की दवाइयों के बदौलत ये दौरा पड़ा था. बड़ी निर्ममतासे मेरी सारी दवाईयाँ बंद कर दी गयीं. आज १२ दिन हो रहे हैं मुझे सोये हुए!!

घर आके भी नींद नदारत है!


मंगलवार, 21 फ़रवरी 2012

दिलका दौरा 2

बेटे ने ambulance  बुला ली. १० मिनट में ambulance  हाज़िर हो गयी. उसके साथ आये doctors  ने मेरा खून आदि  चेक किया और ambulance  में तुरंत डाल के अस्पताल की तरफ रवाना हो गए.

क्रमश:

( क्रमश: इसलिए की इस समय भी थकान के कारण मुझसे अधिक लिखा नही जा रहा. अब आगे.....)



अस्पताल पहुँचने से पूर्व  बेटे ने मेरी एक डॉक्टर सहेली फोन लगाया. वो अंडमान में छुट्टीयाँ मना रही थी. उसे खबर मिलतेही उसने अस्पताल की cardiologist  को फोन मिलाया. वो महिला डॉक्टर घर लौट रही थीं.उन्हों ने तुरंत गाडी घुमाई और मेरे पहुँचने के पहले अस्पताल में पहुँच गयीं.

आपातकालीन विभाग में पहुंचतेही तरह तरह के टेस्ट शुरू हो गए. मुझे एक injection  दिया गया. मूह में दवाइयाँ डाल दी गयीं. अब खून लेना था नसमे से. मेरी नसे मिलना एक महत्प्रयास है. कुछ १२ लोगों ने कोशिश की तब जाके एक नस मिली. खून खींचा गया....वहीं IV  लगा दी गयी. ECG  लिया जा रहा था. पहले ECG  में पता चला की ये दौरा पहला नहीं था. इसके पहले पड़ चुका था.उस कारन जो damages  हो गए थे उन्हें पूर्ववत करना मुमकिन नहीं था. ये सब बातें मेरे बेटे तथा बहन को बताईं जा रही थी. एक रात के लिए तो उन्हों ने मुझे रूम में रखने की सोची,जबकि मैने घर जाने की रट लगाई हुई  थी.

खैर! उस रात बहन मेरे साथ रुक गयी. दूसरे दिन सुबह्से फिर एकबार टेस्ट शुरू हो गए. जैसे,जैसे टेस्ट होते जा रहे थे,मुझे doctors के  चेहरे गंभीर होते नज़र आ रहे थे. फिर बहन तथा बेटेसे बताया गया की अब तुरंत ICU  में शिफ्ट करना है. OT  तैयार रखा  जाये.अब मेरे पति जो शहर में नहीं थे,उन्हें तुरंत बुला लिया गया!

क्रमश:( इसके लिए माफी चाहती हूँ!)

सोमवार, 20 फ़रवरी 2012

दिलका दौरा 1

1३ फरवरी,सोमवार का दिन. मुझे चंद  रोज़ हुए बहुत थकान महसूस हो रही थी,लेकिन उस दिन तो कुछ हद से  ज्यादा ही थी. मुझे डेंटिस्ट के पास जाना था शाम को. अगले दिन,मै और मेरी बहन माँ के पास जानेवाले थे. मैंने अपना बैग  पैक करके रखा किसी तरहसे. बार बार लेट जाने का मन होता था मेरा.

शाम ७ बजे एक ड्राईवर को बुला रखा था जो मुझे डेंटिस्ट के पास ले गया. डेंटिस्ट ने अपना काम शुरू किया पर अचानक से मुझसे पूछा," आपकी तबियत तो ठीक है ना?"
"नहीं....ठीक नहीं है...."मैंने बमुश्किल जवाब दिया.
"क्या महसूस हो रहा है?" डॉक्टर ने पूछा.
"मै पसीने से तरबतर हो गयी हूँ. सीने में दर्द और बेहद बेचैनी है.....आप treatment  रोक दें...."मैंने बड़ी मुश्किल से कहा.
डॉक्टर ने तुरंत मेरा BP  चेक किया. पड़ोस से एक अन्य डॉक्टर को बुला लाये.उसे बताते हुए कहा," इनका BP  तो बहुत लो है......६०/५०..."
"आप के ड्राईवर को बुला के आप घर चली जाएँ तुरंत," doc  ने मुझे कहा. लेकिन कुर्सी परसे उठने जैसी मेरी हालत न थी. उसने मेरे ड्राईवर को बुला लिया. ड्राईवर घर जाके मेरी बहन को ले आया. बहन डर गयी. उसने मेरे बेटे को तुरंत फोन किया और बुला लिया. बेटे ने ambulance  बुला ली. १० मिनट में ambulance  हाज़िर हो गयी. उसके साथ आये doctors  ने मेरा खून आदि  चेक किया और ambulance  में तुरंत डाल के अस्पताल की तरफ रवाना हो गए.

क्रमश:

( क्रमश: इसलिए की इस समय भी थकान के कारण मुझसे अधिक लिखा नही जा रहा.)