बुधवार, 7 जुलाई 2010

Tasveeren..kuchh bachpan, kuchh yauvan...

प्रस्तुतकर्ता kshama पर १२:०० PM

5 टिप्‍पणियां:

arvind ने कहा…

bahut sundar tasveere....bachpan se youvan tak ke safar jaisa.

रचना दीक्षित ने कहा…

बचपन की याद दिलाती हैं सारी फोटो कली सफ़ेद सारी और आखिरी वाली फोटो में मुझे आपने होने का बोध होता है कुछ मेरी झलक सी दिखती है आभार

उम्मतें ने कहा…

बहुत सहेज कर रखे गये फोटोग्राफ्स ! दादी और पिता जी ! साथ में सहेली भी ! बढ़िया ! इंतज़ार हमें भी है...बनी किसकी दुल्हन ?

ज्योति सिंह ने कहा…

yaadgaar tasvire hai sabhi .jo waqt thahara nahi wo in tasviro me kaid kar liya gaya .sundar .main bahar jaa rahi hoon 10 din ke liye laut kar phir agli post padhungi .

VICHAAR SHOONYA ने कहा…

मैं इस लेखमाला को नियमित रूप से पढता चला आ रहा हूँ. ये एक जीवनी है अतः होनी वाली घटनाओं पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूँगा हाँ ये अवश्य ही कहूँगा की लेखक की कलम मजबूत है उसने सारे घटनाक्रम को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया है और मुझे अभी तक इस लेखमाला के साथ बांधे रखा है. लेखक को धन्यवाद.